केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्मों को विनियमित करने वाले कानूनों को मजबूत करने की जताई आवश्यकता

Union Minister Ashwini Vaishnav expressed the need to strengthen the laws regulating social media and OTT platforms
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नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेल और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों को विनियमित करने वाले मौजूदा कानूनों को सशक्त बनाने की तत्काल आवश्यकता है।

संपादकीय जांच से लेकर अनियंत्रित अभिव्यक्ति तक
इस विषय पर बोलते हुए मंत्री वैष्णव ने कहा कि हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं, जहां सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों का प्रभाव अत्यधिक बढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि पहले लोकतांत्रिक संस्थाएं और प्रेस पारंपरिक रूप से सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए संपादकीय जांच पर निर्भर करती थीं, लेकिन अब इसमें कमी आ गई है। सोशल मीडिया, जहां प्रेस की स्वतंत्रता का मंच बन चुका है, वहां संपादकीय निगरानी की कमी के कारण यह अनियंत्रित अभिव्यक्ति का स्थान बन चुका है, जिसमें अशोभनीय और हानिकारक सामग्री शामिल होती है।

सख्त कानूनों पर आम सहमति
केंद्रीय मंत्री ने भारत और इन प्लेटफार्मों की उत्पत्ति वाले देशों के बीच सांस्कृतिक भिन्नताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक संवेदनशीलता उन देशों से बहुत अलग है, जहां ये प्लेटफॉर्म स्थापित हुए हैं। इसलिए, भारत के लिए मौजूदा कानूनों को और सख्त बनाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने इस मुद्दे पर एक व्यापक सामाजिक सहमति बनाने का आग्रह किया।

संसदीय स्थायी समिति से प्राथमिकता देने का आग्रह
मंत्री वैष्णव ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को संसदीय स्थायी समिति से प्राथमिकता के रूप में उठाने की मांग की और कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए सामाजिक सहमति और सख्त कानूनों की आवश्यकता है।