हाईकोर्ट के आदेश पर बनी एसओपी,  आरबीआई और टेलीकॉम कंपनियों को बनाया गया पक्षकार

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हाई कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के मामले में हरिद्वार निवासी सुरेंद्र कुमार की याचिका को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करते हुए सुनवाई की। उत्तराखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उत्तराखंड साइबर क्राइम कंट्रोल पुलिस ने झटपट एसओपी बना दी है। हाईकोर्ट ने इस एसओपी को प्रदेश के हर थाने में सर्कुलेट करने का आदेश दिया है।आरबीआई, केंद्रीय संचार मंत्रालय, टेलीकॉम कंपनियों, सहित राज्य में संचालित प्राइवेट बैंकों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

हरिद्वार निवासी सुरेंद्र कुमार याचिका दायर कर कहा कि करीब एक माह पूर्व दो अलग अलग फोन नंबरों से उन्हें फोन कर उन्हें अपर जिला जज देहरादून की अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने व 30 हजार रुपये तत्काल जमा करने को कहा गया । इस राशि को जमा करने को जिला देहरादून के नाम सहित चार अन्य स्कैनर भी दिए गए।

हाईकोर्ट ने इस स्कैम को गंभीर पाते हुए माना था कि इस तरह के फर्जीवाड़े में प्राइवेट बैंकों की भी संलिप्तता हो सकती है, क्योंकि सभी फर्जी अकाउंट्स प्राइवेट बैंकों के ही हैं। कोर्ट ने आरबीआई, खाताधारक प्राइवेट बैंकों और टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों को इस मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया था।