पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट तहसील मुख्यालय के नजदीकी गांव सिमलकोट में तमाम रूढ़ीवादी परंपरा को तोड़ने वाली भावुक और समाज को प्रेरणा देने वाली घटना सामने आई है। यहां सात बेटियों ने अपने रिटायर्ड सैनिक पिता के निधन पर न केवल उनकी अर्थी को कंधा देकर अंतिम यात्रा की अगुआई की, बल्कि श्मशान घाट पर मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया।
इनमें से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) में तैनात एक बेटी ने तो अपना मुंडन भी करा दिया। बेटियों के इस साहस को देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। इसके बाद परिजन उन्हें गंगोलीहाट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां से स्थिति गंभीर होने पर किशन कन्याल को हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर कर दिया गया, लेकिन बीच रास्ते में ही किशन कन्याल की मौत हो गई।
देश सेवा की वर्दी पहने इस बेटी ने अपनी छह बहनों के साथ मिलकर पिता को अंतिम विदाई दी। साथ ही यह उदाहरण पेश किया कि बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं। जिला पंचायत सदस्य राहुल कुमार ने भी दिवंगत किशन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिवार के साथ शोक संवेदना व्यक्त की।
