मसूरी नगर पालिका की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हो गया है। बैठक में 37 में से 35 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गए हैं। साथ ही शहर के हुसैनगंज का नाम बदलकर कृष्णानगर करने का प्रस्ताव भी पास किया गया है।
बैठक में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार, पार्कों के सौंदर्यीकरण, रोजगार सृजन और सुरक्षा व्यवस्था जैसे कई मुद्दों पर अहम निर्णय लिए गए। वहीं माल रोड पर लगने वाले रोजाना के जाम से निजात दिलाने के लिए बोर्ड ने दोनों बैरियरों को फास्ट-ट्रैक और स्कैनिंग मशीनों से लैस करने पर सहमति जताई।
नगर पालिका सभागार में आयोजित बोर्ड बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने कहा टिहरी बस स्टैंड सिविल अस्पताल के पास पार्किंग निर्माण, मौसी फॉल का विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य, झड़ीपानी प्राइमरी स्कूल की छत पर आंगनबाड़ी कक्ष का कार्य, बार्लोगंज सनातन मंदिर के पास पार्किंग कार्य, ओल्ड टिहरी बस अड्डे के पास पार्किंग निर्माण, रोपवे ट्रॉली के ठेका संचालन के लिए फिर से टेंडर, टाउन हॉल संचालन, लाइब्रेरी गाड़ीखाना कार पार्किंग की फिर से ई-निविदा निकालने, रोपवे ट्रॉली के पास म्यूजियम कैफेटेरिया को बाजार दर पर किराये पर देने, नगर पालिका के वार्डों में वेंडिंग जोन बनाने पर चर्चा की गई।
मसूरी नगर क्षेत्र में दो नई डिस्पेंसरी संचालित किए जाने का निर्णय हुआ है। बार्लोगंज स्थित पालिका की डिस्पेंसरी को शासन को सौंपा जाएगा। वार्ड नंबर 9 के सामुदायिक भवन में दूसरी डिस्पेंसरी स्थापित की जाएगी। अध्यक्ष ने कहा कि ये सुविधाएं आम लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को आसान बनाएंगी।
नगर पालिका की भूमि पर चल रहे दो पेट्रोल पंपों का किराया अब बाजार दर पर निर्धारित किया जाएगा, ताकि राजस्व में बढ़ोत्तरी हो सके। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार ढाई बीघा जमीन निशुल्क सैनिक कल्याण विभाग को हस्तांतरित की गई है, हालांकि इस पर सभासद सचिन गुहेर ने विरोध दर्ज किया और कहा कि भूमि को मुफ्त देने के बजाय पालिका को इसका उचित लाभ मिलना चाहिए।
नगर पालिका के सार्वजनिक शौचालयों को दो अलग-अलग फर्मों पर देने का मामला बैठक में आया लेकिन पालिकाध्यक्ष ने शौचालयों को एक ही फर्म को देने की बात सदन में रखी है। इस पर बोर्ड ने अपनी सहमति दी है। शहर में आवारा पशुओं के रजिस्ट्रेशन पर भी चर्चा हुई। स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर पालिका के प्रथम स्थान आने पर पुरस्कार में मिली 25 लाख की धनराशि को 50 फीसदी पर्यावरण मित्रों और 50 फीसदी ठोस अपशिष्ट पर खर्च करने पर सहमति बनी है।
